अभ्यास नंबर -1 (visualization)

आज हम लोगों के पास जो चीजें हैं, जैसे कि कंप्यूटर,मोबाइल फोन ,इंटरनेट,ट्रेन या एरोप्लेन, कुछ दिन पहले यह सब एक कल्पना थे,परंतु आज वास्तव है। जो लोगों ने यह सब अविष्कार किया है,उन्होंने पहले इसके बारे में सोच पाए थे,इसलिए ही यह सब बन पाया है। जो काम आप करना चाहते हैं,या आप जो बनना चाहते हैं,अगर उसको आप कल्पना ही ना कर पाए तो कभी भी आप वह नहीं कर पाएंगे। सभी सफल व्यक्ति, जिन्होंने अपना कर्म क्षेत्र में सफल हुए हैं,वह छोटा सफलता हो या बड़ा,उसका शुरुआत कल्पना से ही हुआ है। इसलिए सोचना सीखिए,तभी आप अपना भावनाओं को वास्तव रूप दे सकेंगे। हम लोगों का अवचेतन मन सारा दिन ही सक्रिय रहता है,लेकिन रात में नींद आने की ठीक कुछ समय पहले, हम लोगों का अवचेतन मन सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाता है। यदि आप सारा दिन अच्छा सोचते हैं,लेकिन दिन ढलने के बाद जब आप सोने जाते हैं,तब यदि आप
negative सोचते हैं तो सारा दिन का अच्छा सोचने का कोई अच्छा रिजल्ट आप को नहीं मिलेगा। इसलिए रात को नींद आने के पहले तक अवश्य अच्छा सोचो को दोहराइए।
अभ्यास नंबर -2 (throw worries in the dustbin)

रात में सोने के पहले सभी बुरा सोच को एक कागज में लिख लीजिए। जो भी सोच आपको परेशान कर रहा है उसको लिख लीजिए। जैसे ही आप सोच रहे हैं ठीक वैसा ही लिखिए। असल में हम लोगों का दिमाग बुरा सोच को, या परेशान करने वाली सोचो को, बहुत ही जल्दी बार-बार याद दिलाता है। लेकिन जब आपको बार-बार लिखना पड़ेगा, तब आपका उस सभी चिंता कम होते होते फीका पड़ जाएगा। इसको आप सोचने का नया तरीका भी बोल सकते हैं, जहां आप आपका दिमाग से नहीं लेकिन कलम से सोचते हैं। यह सब करने से आपका दिमाग ज्यादा चिंता नहीं कर पाएगा, क्योंकि जब भी आपकी दिमाग में वह सब चिंता आएगी, तब तब आपको वह सब लिखना पड़ेगा। बहुत सफल व्यक्तियों ने इस प्रक्रिया का प्रयोग करके अच्छा फल पाई है।
ऐसे करने से आपका दिमाग बहुत ही हल्का हो जाता है।
अभ्यास नंबर-3 (affirmations)
affirmations आपकी कल्पना का शाब्दिक प्रकाश है। आप एक कागज में जीवन में आप क्या होना चाहते हैं,जीवन की विभिन्न क्षेत्र में खुद को कैसे देखना चाहते हैं,जीवन में क्या परिवर्तन चाहते हैं,किस लिए इस परिवर्तन चाहते हैं,इसके लिए आप क्या क्या कर सकते हैं,वह सब एक कागज में लिख लीजिए। और रोज सुबह उस कागज को अपने आप पढ़िए,या उसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग करके,रोज सुबह हेडफोन लगाकर सुनिए। इस कथन प्रक्रिया के ऊपर बहुत सारा वैज्ञानिक गवेषणा हुआ है। अमेरिका का नार्थ ईस्टर्न स्टेट यूनिवर्सिटी कि एक गवेषणा में,इस प्रक्रिया की माध्यम से दो हफ्ता के अंदर एक बहुत ही अच्छा positive परिवर्तन देखा गया है। इस प्रक्रिया बहुत सारे लोगों के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। लेकिन उन लोगों के लिए इस प्रक्रिया नहीं है,जो इस प्रक्रिया को अवास्तविक सोचते हैं। कथन एक मानसिक योग है,जिसकी प्रयोग से इंसान का दिमाग धीरे धीरे
positivity की ओर बढ़ता है।
अभ्यास नंबर -4 (gratitude)

आप आपने चार पास बहुत सारे ऐसे इंसान देखे होंगे, जो हर समय शिकायतें करते हो,जैसा कि- उसका घर अच्छा नहीं है,या उसका गाड़ी अच्छा नहीं है,या उसको कोई हेल्प नहीं करता है इत्यादि। इस जहां का एक नियम है,आप इतने शिकायतें करेंगे,आपका कष्ट उतना ही बढ़ता जाएगा। यदि आप हर समय खुद को गरीब सोचते हैं,या खुद को गरीब दिखाने की कोशिश करते हैं,तो कभी भी आप अमीर नहीं हो पाएंगे। इसलिए हर समय शिकायतें करना बंद करके,खुदा ने जो भी दिया है उसके लिए शुक्रगुजार होना सीखिए। इस धरती पर बहुत सारे ऐसे इंसान हैं,जिनके पास हाथ,पैर,आंख इत्यादि नहीं है,लेकि
thanks नहीं कहते,जो चीज उसने पाया है,उसके लिए शुक्रगुजार नहीं होते हैं। उस जगह वह शिकायत करना शुरू कर देते हैं कि मैं देखने में उतना अच्छा नहीं हूं,मेरा आंख इतना सुंदर नहीं है,मैं दिखने में थोड़ा और अच्छा होता तो बढ़िया होता इत्यादि। यह एक बुरी आदत है,इसके चलते हम अपने पास जो कुछ है उसको बेहतरीन बनाने की जगह उसको हमेशा खो देते हैं। और उसका कदर नहीं कर पाते हैं। जो हमारे पास नहीं है,उसके पीछे भागते रहते हैं,इससे परेशानी बढ़ता है। इसलिए शिकायत करना बंद करके,आपके पास जो भी है,जिसकी वजह से है,उसके लिए शुक्रगुजार होना सीखिए।
Rhonda Byrne ने उसका किताब
The Magic में शुक्रगुजार
(grateful) होने को मैजिक का नाम दिया है,उसने कहा है
gratitude मैजिक जैसा काम करता है। जब भी आप शुक्रगुजार होना शुरू करते हैं तब से ही आपके जीवन में परिवर्तन आना शुरू हो जाता है।
न जिन लोगों के पास यह सब है,उसके बाद भी उसके लिए भगवान को
अभ्यास नंबर- 5 (remember your death)

यह एक ऐसा अभ्यास है,जिसको करने से आपको सारा कष्ट छोटा लगने लगेगा। आप अपने कमजोरी से डरना बंद कर देंगे। इस अभ्यास आपको बड़ा
decision लेने में मदद करेगा। यह है अपनी मौत को याद करना।
Apple का
Founder, Steve jobs कहा था वह रोज सुबह उठकर,शीशे के सामने खड़ा होकर,खुद को देखते थे,और खुद को पूछते थे,"अगर आज का दिन मेरे लिए आखिरी दिन होता, तो क्या मैं यही काम करता,जो मैं आज करने वाला हूं?" आपको भी रोज सुबह उठ कर ठीक यही सवाल खुद से करना पड़ेगा। अगर इसका जवाब ना
(No) हुआ एवं
continue कुछ दिन इसका जवाब ना
(No) रहा तो,आपको यह सोचना पड़ेगा कि,आपको कुछ ना कुछ बदलने की जरूरत है। यह सब करके आप अपने जीवन को
Successful बनाने में कामयाब हो सते हैं।
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